भारत में जनगणना

भारत में जनगणना

    भारत में जनगणना

  • जनगणना किसी देश या देश के एक सुपरिभाषित हिस्से के सभी व्यक्तियों के एक विशिष्ट समय पर जनसांख्यिकीय, आर्थिक और सामाजिक डेटा एकत्र करने, उसके संकलन, विश्लेषण और प्रसारित करने की प्रक्रिया है।
  • यह जनसंख्या की विशेषताओं पर भी प्रकाश डालती है।
  • भारतीय जनगणना दुनिया में किये जाने वाले सबसे बड़े प्रशासनिक अभ्यासों में से एक है।

नोडल मंत्रालय: :-

  • दशकीय जनगणना का संचालन महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त का कार्यालय,गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • वर्ष 1951 तक प्रत्येक जनगणना के लिये तदर्थ आधार पर जनगणना संगठन की स्थापना की गई थी।

कानूनी/संवैधानिक प्रावधान:-

  • जनगणना का कार्य जनगणना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत किया जाता है।
  • इस अधिनियम को बनाने हेतु विधेयक भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा पेश किया गया था।
  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत जनगणना संघ का विषय है।
  • यह संविधान की सातवीं अनुसूची के क्रमांक 69 में सूचीबद्ध है।

सूचना की गोपनीयता:-

  • जनगणना के दौरान एकत्र की गई जानकारी इतनी गोपनीय होती है कि यह  न्यायालयों के लिये भी सुलभ नहीं होती है।
  • जनगणना अधिनियम, 1948 द्वारा गोपनीयता की गारंटी दी जाती है। कानून सार्वजनिक और जनगणना अधिकारियों दोनों के लिये गैर-अनुपालन या अधिनियम के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन पर दंड निर्दिष्ट करता है।

स्वतंत्रता-पूर्व अवधि में जनगणना:-

    प्रारंभिक प्रयास:-

  • जनगणना का इतिहास 1800 ई. से शुरू हुआ जब इंग्लैंड ने अपनी जनगणना शुरू की थी।
    • इसकी निरंतरता में जेम्स प्रिंसेप द्वारा इलाहाबाद (वर्ष 1824) और बनारस (वर्ष 1827-28) में जनगणना करवाई गई।
    • एक भारतीय शहर की पहली पूर्ण जनगणना वर्ष 1830 में हेनरी वाल्टर द्वारा ढाका (अब बांग्लादेश में) में आयोजित की गई थी।
    • दूसरी जनगणना वर्ष 1836-37 में फोर्ट सेंट जॉर्ज द्वारा की गई थी।
    • वर्ष 1849 में भारत सरकार ने स्थानीय सरकारों को जनसंख्या का पंचवर्षीय संचालन करने का आदेश दिया।
    • पहली गैर-तुल्यकालिक जनगणना: यह भारत में वर्ष 1872 में गवर्नर-जनरल लॉर्ड मेयो के शासन काल के दौरान आयोजित की गई थी।
    • पहली तुल्यकालिक जनगणना: पहली तुल्यकालिक जनगणना 17 फरवरी, 1881 को ब्रिटिश शासन के तहत डब्ल्यू.सी. प्लौडेन (भारत के जनगणना आयुक्त) द्वारा करवाई गई।
    • तब से हर दस साल में एक बार निर्बाध रूप से जनगणना की जाती रही है।

भारत की जनगणना संबंधी प्रमुख घटनाएँ/निष्कर्ष :-

    पहली जनगणना (वर्ष 1881):-

  • इसने ब्रिटिश भारत के पूरे महाद्वीप (कश्मीर, फ्रेंच तथा पुर्तगाली उपनिवेशों को छोड़कर) की जनसांख्यिकीय, आर्थिक और सामाजिक विशेषताओं के वर्गीकरण पर विशेष बल दिया।

    दूसरी जनगणना (वर्ष 1891):

  • यह लगभग वर्ष 1881 की जनगणना के समान पैटर्न पर ही आयोजित की गई थी।
  • इसमें 100% कवरेज के प्रयास किये गए और वर्तमान बर्मा के ऊपरी हिस्से, कश्मीर और सिक्किम को भी शामिल किया गया।

    तीसरी जनगणना (वर्ष 1901):

        इस जनगणना में बलूचिस्तान, राजपूताना, अंडमान निकोबार, बर्मा, पंजाब और कश्मीर के सुदूर इलाकों को शामिल किया गया था।

    पाँचवीं जनगणना (वर्ष 1921):

  • 1911-21 का दशक अब तक का एकमात्र ऐसा दशक रहा है, जिसमें जनसंख्या में 0.31% की दशकीय गिरावट देखी गई।
    • यह वह दशक था जब वर्ष 1918 में फ्लू महामारी का प्रकोप फैला हुआ था, जिसमें कम-से-कम 12 मिलियन लोगों की जान गई थी।
    • भारत की जनसंख्या वर्ष 1921 की जनगणना तक लगातार बढ़ रही थी और वर्ष 1921 की जनगणना के बाद भी यह वृद्धि जारी है।
    • इसलिये वर्ष 1921 के जनगणना वर्ष को भारत के जनसांख्यिकीय इतिहास में “द ग्रेट डिवाइड” या महान विभाजक वर्ष कहा जाता है।

    ग्यारहवीं जनगणना (वर्ष 1971):

  • स्वतंत्रता के बाद यह दूसरी जनगणना थी।
    • इसने वर्तमान में विवाहित महिलाओं की प्रजनन क्षमता के बारे में जानकारी के लिये एक प्रश्न जोड़ा।

    तेरहवीं जनगणना (वर्ष 1991):

  • यह स्वतंत्र भारत की पाँचवीं जनगणना थी।
    • इस जनगणना में साक्षरता की अवधारणा को बदल दिया गया और 7+ आयु वर्ग के बच्चों को साक्षर माना गया (वर्ष 1981 की तुलना में जब 4+ आयु वर्ग के बच्चों को साक्षर माना जाता था)।

    चौदहवीं जनगणना (2001):

  • इसमें प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर एक बड़ी छलांग लगाई गई।
    • चरणों के शेड्यूल को हाई स्पीड स्कैनर के माध्यम से स्कैन किया गया था और शेड्यूल के हस्तलिखित डेटा को इंटेलिजेंट कैरेक्टर रीडिंग (ICR) के माध्यम से डिजिटल रूप में परिवर्तित किया गया था।
    • एक ICR छवि फाइलों से हस्तलेखन को कैप्चर करती है। यह ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (OCR) तकनीक का एक उन्नत संस्करण है जिसमें मुद्रित वर्ण कैप्चर किये जाते हैं।

    पंद्रहवीं जनगणना (वर्ष 2011):

  • वर्ष 2011 की जनगणना में EAG राज्यों (अधिकार प्राप्त कार्रवाई समूह/Empowered Action Group): उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य  प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा) के मामले में पहली बार महत्त्वपूर्ण गिरावट देखी गई थी।

    सोलहवीं जनगणना (2021):

  • जनगणना 2021 को कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण स्थगित कर दिया गया था।
  • हालाँकि यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें स्व-गणना का भी प्रावधान होगा।
  • यह पहली बार है कि ऐसे परिवार और परिवारों में रहने वाले सदस्यों की जानकारी एकत्र की जाएगी, जिसका मुखिया कोई ट्रांसजेंडर हो।
  • पहले केवल पुरुष और महिला के लिये एक कॉलम था।

भारत में वर्ष 2011 जनगणना :-

भारतीय संविधान की धारा-246 के अनुसार देश की जनगणना कराने का दायित्व संघ सरकार को सौंपा गया है। यह विधान की सातवीं अनुसूची की क्रम संख्या-69 पर अंकित है। जनगणना संगठन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत है जिसका उच्चतम अधिकारी भारत का महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त (Registar General and Census Commissioner of India) होता है। यह देश भर में जनगणना संबंधी कार्यों को निर्देशित करता है तथा जनगणना के आँकड़ों को जारी करता है। 2011 की  जनगणना के समय भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त डॉ. सी. चन्द्रमौली थे। वर्तमान गिरीश गौतम है ।

जनगणना से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषा :-

1. जनसंख्या घनत्व :- जनसंख्या घनत्व का तात्पर्य प्रति वर्ग किमी में निवासित औसत जनसंख्या से है।

जनसंख्या घनत्व =कुल जनसंख्या/कुल क्षेत्रफल

2. लिंगानुपात :- प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या को लिंगानुपात कहते हैं।

लिंगानुपात = स्त्रियों की संख्या /पुरुषों की संख्या x 1000

3. शिशु लिंगानुपात :-  (0-6 वर्ष) जनसंख्या में 0-6 आयु समूह में प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में उसी आयु समूह में स्त्रियों की संख्या कको शिशु लिंगानुपात (CSR) कहा जाता है।

शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) =बालिकाओं की संख्या (0-6) / बालकों की संख्या (0-6) x 1000

4. साक्षरता दर :- सात वर्ष और उससे अधिक आयु का जो व्यक्ति किसी भाषा को समझ सकता हो और उसे लिख या पढ़ सकता हो साक्षर (Literate) कहलाता है। 7 वर्ष और उससे अधिक आयु वाली कुल जनसंख्या में साक्षरों के प्रतिशत को जनसंख्या की साक्षरता दर कहते हैं।

साक्षरता दर = साक्षरों की संख्या / 7+ आयु वाली जनसंख्या x 100

5. दशकीय वृद्धि दर :- यह 10 वर्षों के मध्य जनसंख्या में हुई प्रतिशत वृद्धि को व्यक्त करता है।

दशकीय वृद्धि दर (DGR) = वर्तमान जनसंख्या पूर्व – जनसंख्या /पूर्व जनसंख्या x 100

6. शिशु मृत्यु दर शिशु मृत्यु दर :- प्रति हजार जीवित जन्मे शिशुओं की संख्या के अनुपात में 1 वर्ष से कम आयु वाले मृत शिशुओं की संख्या को दर्शाती है। यानी शिशु मृत्यु दर किसी वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्म पर उसी वर्ष में मृत शिशुओं की संख्या है

2011 जनगणना से संबंधित प्रमुख आंकड़े :-

  • 2011 ई. की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 1,21,08,54,977 है, जिसमें 62,32,70,258(51.47%) पुरुष एवं 58,75,84,719 (48.53%) महिलाएं हैं।
  • 2011 ई. जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5% है।
  • जनसंख्या में वार्षिक वृद्धि दर 1.97% से घटकर 1.64% हो गयी है जबकि दशकीय वृद्धि दर 21.54%घटकर 17.7% गयी है। नगालैंड की दशकीय वृद्धि दर ऋणात्मक (-0.6%) रही।
  • जनसंख्या घनत्व 325 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो गया है।
  • लिंगानुपात 933 से बढ़कर 943 हो गया है।
  • शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) 927 से घटकर 918 हो गया।
  • जनसंख्या में साक्षर लोगों की संख्या 64.84% से बढ़कर 73% हो गयी है। पुरुष साक्षरता 75.26% से बढ़कर 80.9% एवं महिला साक्षरता 53.67% से बढ़कर 64.6% हो गयी।
  • ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम साक्षरता दर वाला राज्य आन्ध्र प्रदेश (60.4%)
  • शहरी क्षेत्र में न्यूनतम साक्षरता वाला राज्य उत्तर प्रदेश (75.1\%) हैं ।
  • ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य केरल (93%%) है।

आंकड़े :-

  • देश में अब तक पूर्ण साक्षर घोषित किये गये एक मात्र राज्य केरल है।
  • जनगणना 2011 ई. के अनुसार देश में अनुसूचित जाति (SC) के व्यक्तियों की कुल संख्या 20.14 करोड़ है जो देश की कुल जनसंख्या का 16.6% है। (2001 में यह 16.2% थी)
  • 2011 ई. में अनुसूचित जातियों में लिंगानुपात 945 है।
  • 2001 से 2011 ई. के दौरान देश में अनुसूचित जाति की दशकीय वृद्धि दर 20.8%, रही।
  • 2011 ई. के जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति (ST) के व्यक्तियों की कुल संख्या 10.43 करोड़ है जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है। ( 2001 में यह 8.2% थी ) 2011 ई. में अनुसूचित जनजातियों (ST) का लिंगानुपात 990 है।
  • 2001 से 2011 ई. के दौरान देश में अनुसूचित जनजातियों (ST) की दशकीय वृद्धि दर 23.7% रही।
  • जनगणना 2011 के अनुसार देश की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या 31.2% है जबकि ग्रामीण जनसंख्या 68.86 है। उल्लेखनीय है कि 2001 में नगरीय जनसंख्या 27.8% तथा ग्रामीण जनसंख्या 72.2% थी।
  • राज्यों में सिक्किम की जनसंख्या सबसे कम है। इसकी जनसंख्या से कम जनसंख्या वाले चार केन्द्रशासित प्रदेश है—अंडमान एवं निकोबार, दादर एवं नगर हवेली, दमन व दीव एवं लक्षद्वीप यानी सिक्किम  > अंडमान एवं निकोबार > दादर व नगर हवेली > दमन व दीव लक्षद्वीप।

भारत मे सर्वाधिक जनसंख्या वाला  5 राज्य ( घटते क्रम में)

  1. उत्तर प्रदेश (16.51%)
  2. महाराष्ट्र (9.28%)
  3. बिहार (8.6%)
  4. पश्चिम बंगाल (7.54%)
  5. आन्ध्रप्रदेश (6.99%)

न्यूनतम जनसंख्याले पाँच राज्य (बढ़ते क्रम में )

  1. सिक्किम (0.05%)
  2. मिजोरम (0.09%)
  3. अरुणाचल प्रदेश (0.11%)
  4. गोवा (0.12%)
  5. नगालैंड (0.16%)

भारत की जनगणना 2011 के अनुसार लिंगानुपात

  • भारत में लिंगानुपात – 940 (महिला) / 1000 (पुरुष)
  • सर्वाधिक लिंगानुपात वाले राज्य – केरल (1084), तमिलनाडु (996), आन्ध्र प्रदेश (993), मणिपुर (992), छत्तीसगढ़ (991)
  • न्यूनतम लिंगानुपात वाले राज्य – हरियाणा (878)
  • सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला – माहे ( पांडुचेरी ) (1176)
  • न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला – दमन (533)

जनगणना 2011 के अनुसार साक्षरता –

  • भारत की साक्षरता दर – 74.0 %
  • पुरुष साक्षरता दर – 80.9%
  • महिला साक्षरता दर – 65.5 %
  • न्यूनतम साक्षरता दर वाले राज्य – बिहार (63.8%), अरुणाचल प्रदेश (67%), राजस्थान (67.1%), झारखंड
  • न्यूनतम पुरुष साक्षरता दर वाले राज्य – बिहार (73.4%), अरुणाचल प्रदेश (73.7%), आंध्रप्रदेश (75.6%)
  • सर्वाधिक साक्षरता दर वाले राज्य – केरल (93.9%), मिजोरम (91.6%)
  • सर्वाधिक पुरष साक्षरता दर वाले राज्य – लक्ष्यद्वीप (1%), केरल (96.0%), मिजोरम (93.7%)
  • सर्वाधिक महिला साक्षरता दर वाले राज्य – केरल (0%), मिजोरम (89.4%)
  • न्यूनतम महिला साक्षरता दर वाले राज्य – राजस्थान (52.7%), बिहार (53.3%), झारखंड (56.2%)
  • सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिला – सरचिप ( मिजोरम )
  • न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला – अलीराजपुर (म.प्र.)

भारत की जनगणना 2011 के अनुसार जनसंख्या घनत्व :-

  • भारत की जनसंख्या घनत्व 382/ व्यक्ति वर्ग किमी
  • सर्वाधिक घनत्व वाले राज्य – बिहार (1106 / वर्ग किमी), प. बंगाल (1028/ वर्ग किमी), केरल (860/ वर्ग किमी)
  • न्यूनतम घनत्व वाले राज्य – अरुणाचल प्रदेश (17/ व्यक्ति वर्ग किमी)
  • सर्वाधिक घनत्व वाला जिला – उत्तर पूर्व दिल्ली
  • न्यूनतम घनत्व वाला जिला – दिवांग घाटी ( अरुणाचल प्रदेश )

जनगणना 2011 के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश –

  • सर्वाधिक जनसँख्या वाला केंद्रशासित राज्य – दिल्ली (1.67 करोड़)
  • न्यूनतम जनसँख्या वाला केंद्रशासित राज्य – लक्ष्यद्वीप (47 हजार)
  • न्यूनतम जनसंख्या घनत्त्व वाला राज्य अण्डमान (46/ वर्ग किमी)
  • सर्वाधिक साक्षरता वाला केंद शासित राज्य – लक्ष्यद्वीप (92.28%)
  • न्यूनतम साक्षरता वाला केंद्रशासित राज्य – दादर एवं नागर हवेली (77.65)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *