food conservation commission
मध्यप्रदेश खाद्य संरक्षण आयोग :-
उद्देश्य : लोगों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण खाद्य को उचित मूल्य पर आपूर्ति के द्वारा खाद्य तथा पोषण सुरक्षा मुहैया कराना। खाद्य संरक्षण आयोग
- इसके अन्तर्गत लाभ प्राप्तकर्ता को 5kg चावल, गेंहू तथा मोटे अनाज क्रमशः 3, 2 तथा 1 Rs प्रति kg प्राप्त करने का अधिकार होगा।
- खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के धारा 16 में यह प्रावधान है की प्रत्येक राज्य में राज्य खाद्य संरक्षण आयोग का गठन किया जाएगा ।
- यह एक सांविधिक निकाय है ।
- इसका गठन खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत किया गया है । खाद्य संरक्षण आयोग
(Note : इस अधिनियम में राष्ट्रीय स्तर की किसी संस्था का वर्णन नहीं है)
गठन : 21 जुलाई 2017
मुख्यालय : भोपाल
प्रथम अध्यक्ष : राजकिशोर सवाई
सचिव : राजीव चन्द्र दुबे
संरचना : 1 अध्यक्ष + 5 सदस्य + एक सचिव (सदस्यों में से 1 SC, 1 ST तथा 2 महिला होनी चाहिए।)
अध्यक्ष तथा सदस्यों का कार्यकाल : 5 वर्ष तथा 65 वर्ष जो भी पहले हो । पुनः नियुक्त किया जा सकता है
वेतन तथा सेवा शर्तें : राज्य सरकार द्वारा निर्धारित होंगी
नियुक्ति : राज्य सरकार द्वारा
त्यागपत्र : राज्य सरकार को
पद से हटाना : राज्य सरकार द्वारा दिवालिया, मानसिक या शारीरिक अक्षमता, किसी अपराध का दोषी, दुराचरण या अपने कार्यकाल के दौरान अपने कार्यक्षेत्र से बाहर की रोजगार में संलिप्तता के कारण
कार्य :
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वन का मूल्यांकन करना
- अधिनियम के उलंघन के शिकायत की जांच करना
- अधिनियम को प्रभावी बनाने हेतु राज्य सरकार को सलाह देना
- वार्षिक रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा जिसे विधान मंडल में प्रस्तुत किया जाएगा
आयोग के पास सिविल न्यायालय की शक्तियां होती है
दो या दो से अधिक राज्य संयुक्त खाद्य संरक्षण आयोग बना सकते हैं