मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण
कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान :-
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह मध्य प्रदेश के मंडला और बालाघाट जिले में लगभग 940 वर्ग किमी. में फैला हुआ है।
- इसे 1933 में वन्यजीव अभ्यारण तथा 1955 में नेशनल पार्क बनाया गया।
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान को 1974 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया।
माधव राष्ट्रीय उद्यान :-
- माधव राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 375 वर्ग किमी है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1958 में हुई थी।
- जार्ज कैसल नामक भवन इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।
बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान :-
- बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उमरिया और कटनी जिलों के अंतर्गत आता है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 449 वर्ग किमी है।
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में हुई थी।
- इसे 1993 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर पायें जाते हैं।
फॉसिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान :-
- फॉसिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 0.27 वर्ग किमी. है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में हुई थी।
- फॉसिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान हैं।
- इस उद्यान में पादपों तथा जन्तुओं के जीवाश्म पाए जाते हैं।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान :-
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 4.45 वर्ग किमी. है।
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1979 में की गई थी।
संजय राष्ट्रीय उद्यान -:
- संजय राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 467 वर्ग किमी. है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान :-
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिले में फैला हुआ है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 543 वर्ग किमी. है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी।
- इसे 1994 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान -:
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 529 वर्ग किमी है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1983 में की गई थी।
- सतपुड़ा नेशनल पार्क में कृष्ण मृगों की संख्या अधिक है।
पेंच राष्ट्रीय उद्यान :-
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सिवनी और छिन्दवाड़ा जिले तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्से में फैला हुआ है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1983 में की गई थी।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 293 वर्ग किमी. है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान का नामकरण इस उद्यान के बीच से बहने वाली पेंच नदी के नाम पर हुआ है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में प्रसिद्ध मोगली लैंड स्थित है।
- यहां कृष्ण मृग सर्वाधिक संख्या में पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।
डायनासौर जीवाश्म उद्यान :-
- डायनासौर जीवाश्म उद्यान मध्य प्रदेश के धार जिले के अंतर्गत आता है।
- इसका क्षेत्रफल लगभग 0.89 वर्ग किमी. है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 2010 में की गई थी।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान -:
- कूनो राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित है।
- इसकी स्थापना 2018 में की गई है।
- कूनो राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 749 वर्ग किमी. है।
- 17 नवम्बर 2022 को अफ्रीकन देश नामीबिया से यहाँ 8 चीते लाये गए और चीतों का पुनर्स्थान किया गया है , 2023 में यहाँ 12 चीते और लाये गए है ।
मध्य प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्य :-
बोरी अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1865
- क्षेत्रफल – 518 वर्ग किमी.
- जिला – होशंगाबाद
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, भालू, गौर, मुन्जक हिरण,नीलगाय
सिन्धौरी अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1976
- क्षेत्रफल – 288 वर्ग किमी.
- जिला – रायसेन
- वन्य प्राणी – बाघ, सांभर, तेंदुआ, चीतल, कृष्णमृग, चिंकारा
फेन अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1983
- क्षेत्रफल – 110.74 वर्ग किमी.
- जिला – मंडला
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, मुन्जक हिरण
पेंच अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1983
- क्षेत्रफल – 449.39 वर्ग किमी.
- जिला – सिवनी/छिन्दवाड़ा
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, गौर, जंगली मुर्गी
पानपढ़ा अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 245.85 वर्ग किमी.
- जिला – शहडोल
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, भालू, मुन्जक हिरण
संजय (डुबरी) अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1975
- क्षेत्रफल – 364.59 वर्ग किमी.
- जिला – सीधी
- वन्य प्राणी – बाघ, सांभर, तेंदुआ, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, मुन्जक हिरन
सोन अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 209 वर्ग किमी.
- जिला – सीधी/शहडोल
- वन्य प्राणी – मगर, घड़ियाल, कछुआ, पक्षी
सैलाना फ्लोरिकन अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 12.96 वर्ग किमी.
- जिला – रतलाम
- वन्य प्राणी – खरमोर
ओरछा अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1994
- क्षेत्रफल – 45 वर्ग किमी.
- जिला – टीकमगढ़
- वन्य प्राणी – चीतल, नीलगाय
पंचमढ़ी अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1977
- क्षेत्रफल – 461.85 वर्ग किमी.
- जिला – होशंगाबाद
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, भालू, चीतल
रातापानी अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1976
- क्षेत्रफल – 688.79 वर्ग किमी.
- जिला – रायसेन
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल
- इसे मार्च 2013 में बाघ अभयारण्य बना दिया गया है।
नौरादेही अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 1034.52 वर्ग किमी.
- जिला – सागर
- वन्य प्राणी – सांभर, नीलगाय, चीतल, भालू, चिंकारा, जंगली कुत्ता, कृष्णमृग
- मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा वन्यजीव अभ्यारण्य है।
राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1978
- क्षेत्रफल – 280 वर्ग किमी.
- जिला – मुरैना
- वन्य प्राणी – घड़ियाल, ,मगर , कछुआ, ऊदबिलाऊ,
- इसे राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है
नरसिंहगढ़ अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1974
- क्षेत्रफल – 57.19 वर्ग किमी.
- जिला – राजगढ़
- वन्य प्राणी – तेंदुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, मोर, धनेश, धुवर
सिवनी अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 122.70 वर्ग किमी.
- जिला – सीहोर/देवास
- वन्य प्राणी – तेंदुआ, नीलगाय, सांभर, चीतल
करेरा अभ्यारण्य :- (समाप्त- 2022 )
- स्थापना – 1981
- क्षेत्रफल – 202.21 वर्ग किमी.
- जिला – शिवपुरी
- वन्य प्राणी – चिंकारा, कृष्णमृग, सोन चिड़िया, नीलगाय
- राज्य शासन ने भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के बाद एक और महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए शिवपुरी जिले के करेरा में 202.21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बने वन्य-प्राणी अभयारण्य को समाप्त कर दिया है। इससे इस क्षेत्र की जनता की लंबे समय से चली आ रही माँग पूरी हो गई है।
गंगऊ अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 68.14 वर्ग किमी.
- जिला – ग्वालिअर
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, चिंकारा
वीरांगना दुर्गावती अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1997
- क्षेत्रफल – 23.97 वर्ग किमी.
- जिला – दमोह
- वन्य प्राणी – चीतल, नीलगाय, सांभर, कृष्णमृग
रालामंडल अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1989
- क्षेत्रफल – 5 वर्ग किमी.
- जिला – इंदौर
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, भालू, गौर
- यह मध्य प्रदेश का सबसे छोटा वन्यजीव अभ्यारण है
सरदारपुर अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1983
- क्षेत्रफल – 318.12 वर्ग किमी.
- जिला – धार
- वन्य प्राणी – विभिन्न पक्षी
बगदीरा अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1978
- क्षेत्रफल – 478.9 वर्ग किमी.
- जिला – सीधी
- वन्य प्राणी – तेंदुआ, चिंकारा, नीलगाय, कृष्णमृग
गांधी सागर अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1974
- क्षेत्रफल – 368.62 वर्ग किमी.
- जिला – मंदसौर
- वन्य प्राणी – नीलगाय, चिंकारा, तेंदुआ
घाटी गाँव अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 1981
- क्षेत्रफल – 512 वर्ग किमी.
- जिला – ग्वालियर
- वन्य प्राणी – सोन चिड़िया, चिंकारा, नीलगाय, कृष्णमृग
पालपुर अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 345 वर्ग किमी.
- जिला – मुरैना
- वन्य प्राणी – बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, चिंकारा, कृष्णमृग, नीलगाय
केन अभ्यारण्य :-
- क्षेत्रफल – 45 वर्ग किमी.
- जिला – पन्ना/ छतरपुर
- वन्य प्राणी – मगर, घड़ियाल
कर्माझिरी अभ्यारण्य :-
- स्थापना – 2022
- क्षेत्रफल – 14.1 वर्ग किमी.
- जिला – सिवनी
वर्तमान में प्रदेश में 24 अभ्यारण्य हैं। शिवपुरी के करेरा अभ्यारण्य को डिनोटिफाई किया गया है। इस प्रकार कर्माझिरी अभ्यारण्य के गठन के बाद संख्या कुल 24 ही रहेगी।