मध्यप्रदेश राज्य की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना :-
यह योजना प्रदेश में हृदय रोग से पीडि़त बच्चों के उपचार हेतु 4 जुलाई, 2011 को प्रारंभ की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत हृदय रोग से पीडि़त बच्चों को प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर के चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना :-
यह योजना वर्ष 2015-16 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रांरभ की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत 5 वर्ष तक के समस्त जन्मजात श्रवण बाधित बच्चे एवं विशेष परिस्थिति में चिकित्सक से अभिमत के उपरांत अधिकतम् 7 वर्ष के हितग्राहियों को उपचार प्रदान किया जाता है।
निःशुल्क चिकित्सकीय जॉच योजना :-
वर्ष 2013 से मध्य प्रदेश में विभिन्न स्तर के चिकित्सा संस्थाओं में पैथालॉजी जॉच सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से यह योजना प्रांरभ की गयी है। इस योजना के अंतर्गत जिला चिकित्सालयों में 38, सिविल चिकित्सालयों में 29, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 25, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 16 और उपस्वास्थ्य केन्द्रों एवं आरोग्य केन्द्रों में 5 प्रकार की चिकित्सकीय जाँचे निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। मध्यप्रदेश राज्य की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ
निःशुल्क डायलिसिस योजना :-
वर्ष 2016 से प्रदेश के समस्त जिलों में निःशुल्क डायलिसिस योजना संचालित है।
इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने वाला मध्य प्रदेश देश का प्रथम राज्य हैं
कैंसर कीमोथेरेपी योजना :-
यह योजना कैंसर केयर कार्यक्रम के अंतर्गत 5 फरवरी 2014 से प्रारंभ की गई।
इस योजना के अंतर्गत सभी जिलों में कैंसर कीमोथैरेपी यूनिट स्थापित की गई है,
जिसमें 19 प्रकार की प्रति कैंसर औषधियाँ उपलब्ध करायी जाती हैं।
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम
यह कार्यक्रम 1 जुलाई 2011 से प्रारंभ किया गया,
जिसका मुख्य उद्देश्य, शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना हैं
जननी सुरक्षा योजना :-
यह योजना प्रदेश में मातृ मृत्यु दर एवं नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने एवं संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष 2005 में प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत शासकीय चिकित्सालयों में प्रसव कराने वाली ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रूपये तथा शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
आयुष्मान भारत योजना :-
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 15 अगस्त 2018 से आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा ने नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा तथा चिकित्सालयों में 5 लाख रूपए तक का निःशुल्क इलाज करवाया जाएगा।
दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना :-
प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को निःशुल्क उपचार एवं जॉच की सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 25 सितंबर 2004 को प्रारंभ की गई।
इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 20 हजार रूपये की चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी जाती है। मध्यप्रदेश राज्य की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ
दीनदयाल सचल अस्पताल योजना
प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं जनजातीय अंचलों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से वर्ष 2006 से यह योजना संचालित है।
ये सचल अस्पताल इन क्षेत्रों में स्वयं जाकर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं।
दीनदयाल 108 एंबुलेंस सेवा :-
राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2011-12 में इस योजना को प्रांरभ किया गया है। इस योजना का संचालन चिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड संस्था द्वारा सार्वजनिक निजी भागीदारी के अंतर्गत किया जा रहा है।
सघन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान :-
प्रदेश में इस मिशनका प्रारभ वर्ष 2015 में विदिशा जिले से किया गया। इस मिशन के अंतर्गत डिप्थीरिया, बलगम, टिटनेस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपेटाइटिस-बी के टीके लगाए जाते हैं। मध्यप्रदेश राज्य की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ
लाडली लक्ष्मी योजना :-
वर्ष 2007 से प्रदेश में बालिकाओं व कन्याओं के प्रति जनता में सकारात्मक सोच का विकास करने, भू्रण हत्या रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के उद्देश्य से लाडली लक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया गया हैं ।
1 जनवरी 2006 के बाद जन्मी प्रदेश की लड़कियों की शिक्षा एवं सर्वांगीण विकास हेतु सहायता प्रदान करने हेतु ।
इसका लाभ लेने के लिए लड़की के माता पिता आय कर दाता की श्रेणी में नहीं आते हो ।
इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत बालिका के नाम से प्रदेश सरकार लगातार 5 वर्ष तक रुपए 6000 के राष्ट्रीय बचत पत्र अर्थात कुल राशि रुपए 30000 के राष्ट्रीय बचत पत्र बालिका के नाम से क्रय किए जाएंगे इसका भुगतान निम्न प्रकार होगा ।
बालिका के कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर रुपए 2000 ।
कक्षा 9 में प्रवेश लेने पर रुपए 4000 ।
कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश लेने पर रुपए 7500 ।
11वीं कक्षा में प्रवेश लेने के पश्चात आगामी 2 वर्ष के लिए
रु 200 प्रतिमाहं का भुगतान बालिका को किया जाएगा ।
बालिका की आयु 21 वर्ष होने पर तथा कक्षा 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर
शेष एकमुश्त राशि का भुगतान होगा ।
अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन :-
बच्चों में व्याप्त कुपोषण की रोकथाम तथा पाँच वर्ष तक के बच्चों की
मृत्यु दर को कम करने के लिए वर्ष 2010 से यह मिशन संचालित किया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत शासन की ओर से बालिका के नाम से
एक लाख अस्सी हजार रूपये का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
इस राशि का भुगतान कक्षा 6,9,11 तथा 12 में प्रवेश लेने पर तथा
विवाह के समय विभिन्न किस्तों में किया जाता है।
स्वागतम लक्ष्मी योजना :-
वर्ष 2014 में प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं के प्रति समाज में भ्रांतियों एवं कुप्रथाओं को समाप्त कर उनके प्रति सम्मानजनक व सकारात्मक वातावरण निर्मित करने के उद्देश्य से स्वागत लक्ष्मी योजना प्रांरभ की गयी। योजना के अंतर्गत कन्या के जन्म पर ऑगनबाड़ी केन्द्रों पर उसे स्वागतम लक्ष्मी किट प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना :-
वर्ष 2013 से प्रदेश में विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त महिलाओं तथा बलात्कार, एसिड़ अटैक, अग्नि पीडि़त तथा जेल से रिहा की गई महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना प्रांरभ की गयी है। मध्य प्रदेश इस प्रकार की योजना को नवाचार के रूप में प्रारंभ करने वाला देश का प्रथम राज्य है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना :-
देश में लिंग आधारित शैक्षणिक असमानता को समाप्त करने तथा बालिकाओं की उत्तरजीविता,
सुरक्षा एवं शिक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना का प्रांरभ किया गया।
वर्ष 2015 में यह योजना प्रदेश के 6 जिलों क्रमशः भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, रीवा, टीकमगढ़, एवं दतिया में संचालित की गयी थी।
इसके पश्चात् वर्ष 2017 में इसे 15 इन्य जिलों में संचालित किया जा रहा है।
जाबाली योजना :-
मध्य प्रदेश में कुछ विशेष पिछड़ी जातियों जैसे
(बेडि़या, बाछड़ा एवं सासी) में वेश्यावृत्ति की कुप्रथा के उन्मूलन के लिए
वर्ष 1992-93 से जाबाली योजना का संचालन किया जा रहा है।
उषा किरण योजना :-
प्रदेश में घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को विधिक, पुलिलस सहायता, परामर्श चिकित्सकीय सहायता तथा पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से घरेलू हिंसा महिला सरंक्षण अधिनियम 2005 के पहले से संचालित उषा किरण योजना 27 मई 2016 को पुनरीक्षित करके प्रारंभ की गयी है।
वन स्टॉप सेंटर (सखी) योजना :-
हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाअें को तत्काल आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन सुविधाएं (जैसे अस्थायी आश्रय, पुलिस व विधि सहायत, चिकित्सा एवं परामर्श) उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश के 18 जिलों में यह योजना प्रारंभ की गई है।
वर्ष 2017-18 में धार, हरदा, पन्ना, दतिया, खरगोन, शिवपुरी, सिवनी एवं विदिाा में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किये गये हैं।
ममत्व मेला :-
मध्य प्रदेश में महिला वित्त विकास निगम द्वारा स्वयं-सहायता समूहों व ग्रामीण/शहरी महिला उद्यमियों द्वारा बनायी गयी सामग्रियों के प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए ममत्व मेले का आयोजन किया जाता है।
वर्ष 2016 में प्रथम ममत्व मेले का आयोजन भोपाल में किया गया
तथा वर्ष 2017 से ममत्व मेले को स्वरोजगार मेले के रूप मे प्रदान कर दिया गया हैं
मध्य प्रदेश विधवा पुनर्विवाह योजना :-
मध्य प्रदेश में विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए वर्ष 2018 में विधवा पुनर्विवाह योजना प्रारंभ की गई है।
इस योजना में 40 वर्ष तक की विधवा महिलाओं से विवाह करने पर 2 लाख रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता योजना :-
मध्य प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की ओर से विशेष ध्यान देते हुए वर्ष 2018 में विधवाओं के प्रति सम्मान सूचक शब्द कल्याणी का प्रयोग किया गया है। तथा मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 18 से 79 वर्ष तक की विधवाओं (कल्याण्यिों) को 300 रूपये की मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है।
लाड़ो अभियान :-
मध्य प्रदेश में बाल विवाह जैसी समाजिक कुरीतियों के रोकथाम हेतु वर्ष 2013 से लाड़ो अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं और 21 वर्ष से कम आयु के बालकों के विवाह को रोकने से संबंधित कार्यों का कियान्वयन किया जा रहा है।
लाड़ो अभियान को वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री लोकसभा उत्कृष्टता पुरस्कार तथा वष्र 2016 में अंतर्राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
शौर्यदल योजना :-
प्रदेश में महिलाओं के प्रति अनुकूल वातावरण निर्मित करने तथा उन्हें आत्मनिर्भर व सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में आंगनबाड़ी स्तर पर शौर्यदल का गठन किया गया है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में 82000 शौर्य दलों का गठन किया जा चुका है।
लालिमा अभियान :-
मध्य प्रदेश में बच्चों , बालिकाओं और महिलाओं को एनीमिया रोग से मुक्त कराने के उद्देश्य से
1 नवंबर 2016 को लालिमा अभियान प्रारंभ किया गया है।
जलदीप योजना :-
मछुआरों को विभिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से राज्य शासन ने
2007 से मोबाइल आंगनवाड़ी योजना लागू की थी जो अब जलदीप योजना के नाम से संचालित है।
इसकी शुरुआत इंदिरा सागर जलाशय से की गयी।
जनमित्र समाधान केंद्र :-
ग्वालियर जिले में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित जनमित्र समाधान केंद्र योजना की शुरुआत
2009 अक्टूबर से की गयी। 12 विभागों की 53 सेवाएं इसके तहत उपलब्ध करवाई जा रही है।
गोकुल ग्राम योजना :-
गाँवों के आधारभूत अधोसंरचनात्मक विकास के उद्देश्य से 25 सितम्बर, 2004 को इस योजना का शुभारम्भ भोपाल के निकट अकबरपुर ग्राम पंचायत के सलैया ग्राम से किया गया। इस योजना के अंतर्गत सभी आधारभूत सुविधाएं गाँवों में जुटाई जाएंगी।
दीनदयाल रोजगार योजना :-
बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने तथा बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से 1 अगस्त 2004 से इस योजना का शुभारम्भ किया गया।
सौभाग्यवती योजना :-
अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं गरीब परिवार की कन्याओं के विवाह के लिए
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत 5000 रु० की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
वन्देमातरम योजना :-
केंद्र सरकार द्वारा 14 जनवरी 2004 को घोषित एवं 9 फ़रवरी 2004 को संचालित इस योजना का उद्देश्य गरीब एवं पिछड़े वर्ग की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएं उपलब्ध करना है।
खुशबू परियोजना :-
इस परियोजना की शुरुआत प्रदेश के केंद्रीय जेल में कैदियों के सामाजिक पुनर्वास एवं उनके व्यक्तित्व सुधार के लिए की गयी है। इस परियोजना में कैदी का चयन उसके स्वास्थ्य, रुचि एवं उसके दृष्टिकोण के परिक्षण के उपरान्त किया जाता है।
उषा किरण योजना :-
महिलाओं एवं बच्चों (18 वर्ष से कम आयु के बालक एवं बालिका) को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए ‘घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2006’ के तहत राज्य सरकार द्वारा उषा किरण योजना चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना :-
26 अप्रैल 2008 को गरीब नागरिकों के लिए सस्ते मूल्य पर अनाज वितरण की महत्वपूर्ण योजना ‘मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना’ का शुभारम्भ किया गया। योजना के तहत बी.पी.एल. परिवारों को 3 रूपये किलो गेंहू तथा 4.5 रु० किलो चावल दिया जाता है।
सुदामा शिष्यवृत्ती योजना ( 2009 – 10 )
इस योजना का उद्देश्य उत्कृष्ट विद्यालय में अध्ययन करने वाले सामान्य वर्ग के छात्र छात्राओं को रु 500 प्रतिमाह शिष्यवृत्ती प्रदान करना है ।
इसके लिए वही छात्र पात्र होंगे जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 54000 से अधिक नहीं होगी ।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ( अप्रैल 2006 )
गरीब , निराश्रित , विधवा , परित्यक्ता के विवाह हेतु सहायता ।
इस योजना अंतर्गत प्रति दंपत्ति को ₹25000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ।
मुख्यमंत्री निकाह योजना ( 2012 )
मध्य प्रदेश की मुस्लिम समुदाय की गरीब निराश्रित विधवा परित्यक्ता का निकाह हेतु आर्थिक सहायता ।
इस योजना अंतर्गत निकाह के वर वधू को रु 25000 की आर्थिक सहायता दी जाती है ।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना ( 3 सितंबर 2012 ) :-
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को धार्मिक तीर्थ स्थलों की निशुल्क यात्रा करवाने हेतु ।