मुगलकालीन कला
चित्रकला :-
- मुगल चित्रकला की नींव हुमायूँ के शासन काल में पङी।अपने निर्वासन के दौरान उसने मीर सैय्यद अली और अब्दुस्समद नामक दो फारसी चित्रकारों की सेवाएँ प्राप्त की । जिन्होंने मुगल चित्रकला का शुभारंभ किया।
- मीर सैय्यद अली हेरात के प्रसिद्ध चित्रकार बिहजाद (जिसे पूर्व का रैफेल कहा जाता है। ) का शिष्य था।अब्दुलस्समद ने जो कृतियाँ तैयार की उसमें से कुछ जहाँगीर द्वारा तैयार की गयी-गुलशन चित्रावली में संकलित है।अकबर ने मुगल चित्रकारी को एक सुव्यवस्थित रूप दिया उसने चित्रकारी के लिए एक अलग विभाग खोला।
- आइने अकबरी में मीर सैय्यद अली और अब्दुस्समद के अलावा 15 प्रसिद्ध चित्रकारों के नाम प्राप्त होते हैं।जिनमें कम से कम तेरह हिन्दू चित्रकार थे।
अकबर कालीन प्रमुख चित्रकारों में –
- दसवंत, बसावन, महेश, लाल मुकंद, सावलदास तथा अब्दुलस्समद प्रमुख थे।
- मुगल चित्रशाला में मुगल चित्रकला शैली में चित्रित सबसे प्रारंभिक और महत्त्वपूर्ण मुगलकालीन चित्रसंग्रह–हम्जनामा है जो दास्ताने-अमीर-हम्जा के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पाण्डुलिपि में करीब 1200चित्रों का संग्रह है।इस कृति में लाल,नीले,पीले,कासनी और काले रंगों के छपाके मिलते हैं।
- हम्जनामा को पूर्ण कराने के लिए मीर सैय्यद अली को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
जहाँगीर के समय में चित्रकला-
- जहाँगीर का काल मुगल चित्रकला के चरमोत्कर्ष का काल था जहाँगीर ने हेरात के एक प्रसिद्ध चित्रकार आकारिजा के नेतृत्व में आगरा में एक चित्रणशाला की स्थापना की।जहांगीर के काल के प्रमुख चित्रकारों में – फारूखबेग,बिसनदास, उस्ताद मंसूर,दौलत, मनोहर तथा अबुल हसन थे।जहाँगीर के समय के सर्वोत्कृष्ट चित्रकार –उस्ताद मंसूर और अबुल हसन थे।बादशाह ने उन दोनों को क्रमशः नादिर-उल-असरर (उस्ताद मंसूर) और नादिर-उद्-जमा (अबुल हसन) की उपाधि दी थी।
- उस्ताद मंसूर प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ चित्रकार था जबकि अबुल हसन को व्यक्ति – चित्रों में महारथ हासिल था।
संगीत
अकबर के काल में संगीत
- अबुल फजल के अनुसार अकबर के दरबार में 36 गायकों को राज्याश्रय प्राप्त था। किन्तु उनमें सर्वाधिक प्रसिद्ध तानसेन एवं बाजबहादुर ही थे।अकबर स्वयं ही बहुत अच्छा नक्कारा (नगाङा) बजाता था।तानसेन अकबर के नवरत्नों में से एक था, जिसे अकबर ने रीवों के राजा रामचंद्र से प्राप्त किया था।
ध्रुपद-गायन की चार शैलियाँ प्रचलित थी-
- नोहर-वाणी,
- खंडारवाणी,
- गोहरीवाणी और
- डागुरवाणी।
अकबर के समय के प्रसिद्ध संगीतज्ञ – बाज-बहादुर (मालवा का शासक)को अकबर ने 2000 का मनसबदार बनाया था।
अबुल फजल ने उसके बारे में लिखा है कि – वह संगीत-विज्ञान एवं हिन्दी गीतों में अपने समय का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति था।
जहाँगीर के काल में संगीत-
- जहाँगीर के काल के प्रमुख संगीतज्ञों में तानसेन के पुत्र बिलास खाँ, छतर खाँ,मक्खू तथा हमजान प्रमुख थे।
- जहाँगीर ने एक गजल गायक शौकी को आनंद खाँ की उपाधि दी थी।
मुगल काल में संगीत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण विकास 18वी. शता. में मुगल बादशाह मुहम्मद शाह(1729-48ई.) के समय में हुआ था।उसके दरबार में नेमत खां,सदारंग तथा उसके भतीजे अदांग ने संगीत को विकास की पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया।
स्थापत्य,कला एवं संस्कृति
मुगलकाल को उसकी बहुमुखी सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण भारतीय इतिहास का द्वितीय क्लासिकी युग (Second Classical Age) कहा गया है।
मुगल कालीन स्थापत्य मध्य एशिया की इस्लामी और भारतीय कला का मिश्रित रूप है, जिसमें फारस,मध्य एशिया, तुर्की , गुजरात, बंगाल एवं जौनपुर आदि स्थानों की परंपराओं का अद्भुत मिश्रण मिलता है।
मुगलकालीन स्थापत्य की मुख्यतम विशेषता-
• संगमरमर के पत्थरों पर हीरे-जवाहरात से की गयी जङावट पित्रादुरा एवं महलों तथा विलास भवनों में बहते पानी का उपयोग है।
- काबुली बाग में स्थित मस्जिद- इसको बाबर ने पानीपत में बनवाया था।
- जामी मस्जिद- इसका निर्माण बाबर ने करवाया था।यह संभल (रुहेलखंड) में स्थित है
- आगरे की मस्जिद- यह आगरा में स्थित है (लोदी किले के भीतर) और इसका निर्माण बाबर ने करवाया था।
- बाबरी मस्जिद-यह बाबर के सेनापति मीर बकी द्वारा बनवायी गयी है तथा यह मस्जिद अयोध्या में स्थित है।
- फतेहाबाद की मस्जिद- यह पंजाब (हिसार) में स्थित हुमायूँ द्वारा बनवायी कई।
- दीनपनाह नगर(धर्म का शरण स्थल)-हुमायूँ द्वारा दिल्ली में बनवाया गया।
- पुराना किला-दिल्ली में शेरशाह द्वारा बनवाया गया।
- किला-ए-कुहना(पुराने किले के भीतर)-दिल्ली में शेरशाह द्वारा बनवाया गया।
- शेरगढ या दिल्ली शेरशाही- दिल्ली में शेरशाह द्वारा बनवाया गया।
- शेरसूर नगर-कन्नौज को बरबाद करके शेरशाह ने बनवाया था।
- रोहतासगढ का किला-शेरशाह द्वारा उत्तरी – पश्चिमी सीमा प्रांत में बनवाया गया।
- शेरशाह का मकबरा-सासाराम (बिहार) में स्थित शेरशाह द्वारा बनवाया गया।
अकबर :-
- हुमायूँ का मकबरा – दिल्ली में स्थित इस मकबरे का निर्माण हाजी बेगम(अकबर की सौतेली माँ) ने करवाया था।
- आगरा का किला- यह किला आगरा में अकबर ने बनवाया था।
- जहाँगीर महल- यह आगरा में स्थित अकबर द्वारा बनवाया गया।
- अकबरी महल-आगरा में अकबर ने बनवाया था।
- जहाँगीरी महल–फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा ।
- दीवाने-आम-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- दीवाने-खास-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- पंचमहल (हवामहल)-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- तुर्की सुल्तान का महल-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- मरियम महल-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- बुलंद दरवाजा-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- शेख सलीम चिश्ती का मकबरा-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- इस्लामशाह का मकबरा( शेख सलीम चिश्ती का पौत्र)-फतेहपुर सीकरी में अकबर द्वारा।
- लाहौर का किला-लाहौर में अकबर द्वारा।
- इलाहाबाद में 40 स्तंभों वाला किला(अकबर कालीन अंतिम इमारत)-इलाहाबाद में अकबर द्वारा।
- अकबर का मकबरा-सिकंदरा में जहाँगीर द्वारा।
- ऐतमादुद्दौला का मकबरा-आगरा में नूरजहाँ द्वारा।
- जहाँगीर का मकबरा- शहादरा (लाहौर) में नूरजहाँ द्वारा।
शाहजहाँकालीन आगरे की इमारतें-
1. दीवाने-आम
2. दीवाने-खास
3. मच्छी भवन
4. शीश महल
5. खास महल
6. शाह बुर्ज
7. नगीना मस्जिद
8. मोती मस्जिद
9. जामी मस्जिद
10. ताज महल
शाहजहाँ कालीन दिल्ली इमारतें-
1. शाहजहाँनाबाद
2. जामा मस्जिद
3. लाल किला
4. दीवाने-आम
5. दीवाने-खास
6. मोती महल
7. हीरा महल
8. रंग महल
9. नहरे-बहिश्त
आगरे की मोती मस्जिद शाहजहाँ ने बनवायी थी, जबकि दिल्ली में लाल किले के अंदर मोती मस्जिद (पूर्णतः संगमरमर)औरंगजेब ने बनवायी थी।
लाहौर के किले में स्थित शाहजहाँ कालीन इमारतें-
दीवाने-आम
शाहबर्ज
शीश महल
नौलखा महल
ख्वाब महल
औरंगजेब कालीन इमारतें-
रबिया-उद्-दुर्रानी का मकबरा-यह मकबरा औरंगाबाद में औरंगजेब ने बनवाया था।
बादशाही मस्जिद (बीबी का मकबरा)-यह मस्जिद लाहौर में स्थित है।
मोती मस्जिद(लाल किले के भीतर) –यह दिल्ली में स्थित है।