पर्यावरण एवं जैव विविधता
- भारत में वन्य जीवों की बहुसंख्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- भारत में प्राणियों की लगभग 75,000 प्रजातियां पायी जाती है ।
- उनमे 350 स्तनधारी ,1,313 पक्षी , 408 सरीसृप , 197 उभयचर , 2,546 मछलियां , 50,000 कीट , 4,000 मोलस्क तथा अन्य बिना रीढ़ वाले प्राणी है ।
- यह विश्व का कुल 13% है ।
- स्तनधारी जानवरों में हाथी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ।
- ये असम ,कर्नाटक और केरल के उष्ण तथा आर्द्र वनों में पाए जाते है ।
- एक सिंग वाले गैंडे पश्चिमी बंगाल तथा असम के दलदली क्षेत्रों में रहते है ।
- भारत विश्व का अकेला देश है जहाँ शेर तथा बाघ दोनों पाए जाते है ।
- भारतीय शेरों का प्राकृतिक वास स्थल गुजरात में गिर जंगल है ।
- बाघ मध्य प्रदेश तथा झारखण्ड के वनों ,पश्चिमी बंगाल के सुंदरवन तथा हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते है ।
- तेंदुआ बिल्ली जाति का सदस्य है जो शिकारी जानवरों में मुख्य है ।
- लद्दाख की बर्फीली ऊंचाईयों में याक पाए जाते है जो गुच्छेदार सींगों वाला बैल जैसा जीव है जिसका भार लगभग एक टन होता है ।
- तिब्बतीय बारहसिंघा , भारल (नीली भेड़ ) , जंगली भेड़ , तथा किआंग (तिब्बती जंगली गधे) भी भारत में पाए जाते है ।
- घड़ियाल , मगरमच्छ की प्रजाति का एक ऐसा प्रतिनिधि भी है जो विश्व में केवल भारत में पाया जाता है ।
भारत में वन्यजीव संरक्षण परियोजनाएं :-
- बाघ-परियोजना ( 7 अप्रैल 1973)
- हाथी संरक्षण परियोजना (1991-92)
- मगरमच्छ संरक्षण परियोजना (1974 ई. )
- गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट (2001)
- गिर सिंह परियोजना (1972)
- हंगुल परियोजना (1970 ई.)
- कस्तुरी मृग परियोजना ( 1970)
- लाल पांडा परियोजना (1996)
- कछुआ संरक्षण परियोजना (1975)
- गैंडा परियोजना (1987 )
- हिम तेंदुआ परियोजना ( 2009 )
- गंगा नदी डॉल्फिन संरक्षण
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) :-
वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत वर्ष 2003 में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड का गठन किया गया था। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड वन्य पारस्थितिकी से संबंधित मामलों में सर्वोच्च निकाय के रूप में काम करता है। यह निकाय वन्य जीवन से सम्बंधित मामलों तथा राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के आस-पास निर्माण या अन्य परियोजनाओं की समीक्षा करता है। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
बाघ-परियोजना :-
1969 ई. में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं प्राकृतिक संघटन संरक्षण संघ के 10वें अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि बाघों को संपूर्ण सुरक्षा दी जाए। भारत में पहली बार बाघ गणना वर्ष 1972 में की गई थी। भारत में मध्य प्रदेश को ‘ टाइगर राज्य ’ के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश के ‘ वनविहार नेशनल पार्क ’ में सफेद बाघ का संरक्षण किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में हर वर्ष नवम्बर माह में ‘ मोगली महोत्सव ’ मनाया जाता है, जिसका मकसद बच्चों में प्रकृति के प्रति अपनत्व की भावना विकसित करना है। वर्ष 2010 को भारत सरकार द्वारा ‘ बाघ वर्ष ’ के रूप में मनाया गया था।
टाइगर मैन ऑफ़ इंडिया :-
वर्ष 1992 में पद्मश्री से अलंकृत राजस्थान के कैलाश सांखला भारत में बाघों पर किए गए अपने कार्यों के लिए टाइगर मैन ऑफ़ इंडिया के नाम से जाने जाते हैं। वर्ष 1973 में शुरू किए गए प्रोजेक्ट टाइगर का नेतृत्व सांखला ने ही किया था।
हाथी संरक्षण परियोजना :-
प्रोजेक्ट एलिफेंट एक केंद्र प्रायोजित योजना है और इसे फरवरी, 1992 में हाथियों के आवास एवं गलियारों की सुरक्षा के लिये लॉन्च किया गया था। हाथियों का प्राकृति आवास सुनिश्चित करने के लिए 1992 ई. में ‘ गजतमे ’ नाम से हाथी संरक्षण परियोजना चलाई गई। भारत में हाथियों के संरक्षण हेतु एक देशव्यापी जागरूकता अभियान ‘ हाथी मेरे साथी ’ की शुरूआत की गई। हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी हेतु कार्यक्रम हाथी गलियारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये ‘ गज यात्रा ‘ आरंभ करने बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की योजना बनाई जा रही है। देश का पहला हाथी पुनर्वास केन्द्र हरियाणा में खोला गया।
मगरमच्छ संरक्षण परियोजना :-
1974 ई. में मगरमच्छ के संरक्षण के लिए परियोजना बनाई गई। इस परियोजना के तहत 1978 ई. तक कुल 16 मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र स्थापित किए गए। मगरमच्छ अभ्यारण्यों की सर्वाधिक संख्या आंध्र प्रदेश में है। हैदराबाद में केंद्रीय मगरमच्छ प्रजनन एवं प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है। ओडिशा के ‘ भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ’ में लवणयुक्त पानी मेें रहने वाले मगरमच्छों की संख्या सर्वाधिक है। 1970 ई में शुरू की गई ‘ भागवतपुर मगरमच्छ परियोजना ’ का उद्देश्य खारे पानी में मगरमच्छों की संख्या में वृद्धि करना था। यह सुंदरवन की मुख्य भूमि से दूर ‘ लोथियन द्वीप ’ (पश्चिम बंगाल) के पास स्थित है।
गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट :-
गिद्ध संरक्षण लिए हरियाणा वन विभाग तथा के बीच 2006 में एक समझौता हुआ। इसमें कहा गया की भारत में अधिकांश गिद्धों की मृत्यु पशुओं को दी जाने वाली ‘ डायक्लोफेनेक नानस्टीरोइडल एण्टीइनफ्लेमेटरी ड्रग ’ के उपयोग के कारण होती है। एशिया से समाप्त हो रहे गिद्धों के संरक्षण के लिए ‘सेव’ नामक कार्यक्रम को आरंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत ‘डायक्लोफेनेक’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
गिर सिंह परियोजना :-
इसे ‘एशियाई सिंहों का घर’ कहे जाने वाले ‘गिर अभ्यारण’, गुजरात (जूनागढ़ जिला) में प्रारंभ की गई।
हंगुल परियोजना :-
हंगुल यूरोपियन प्रजाति का हिरण है। यह केवल कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में ही पाया जाता है। इनके संरक्षण के लिए 1970 में हंगुल परियोजना का शुभारंभ किया गया।
कस्तूरी मृग परियोजना :-
कस्तूर केवल नर मृग में पाई जाती है। कस्तूरी मृग परियोजना उत्तराखंड के केदारनाथ अभ्यारण में 1970 के दशक में आरंभ की गई।
कस्तूरी मृग के लिए हिमाचल प्रदेश का शिकारी देवी अभ्यारण्य तथा उत्तराखंड का बद्रीनाथ अभ्यारण्य प्रसिद्ध है
लाल पांडा परियोजना :-
लाल पांडा भारत में पूर्वी हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है। अरूणाचल प्रदेश में इसे कैट बीयर के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1996 में विश्व प्रकृति निधि के सहयोग से पद्मजानायडू हिमालयन जन्तु पार्क ने लाल पांडा परियोजना का शुभारंभ किया।
कछुआ संरक्षण परियोजना :-
ओलिव रिडले कछुए भारत में ओडिशा के समुद्री तट पर मिलते हैं। ओडिशा सरकार ने इनके संरक्षण के लिए 1975 में कटक जिले के भीतरकनिका अभ्यारण में योजना शुरू की। इस कछुए का प्रजनन स्थल गहिरमाथा इसी अभ्यारण में है।
गैंडा परियोजना :-
एक सींग वाले गैंडे केवल भारत में पाए जाते हैं। इनके संरक्षण के लिए 1987 में गैंडा परियोजना आरंभ की गई। गैंडों की मुख्य शरणस्थली असम का मानस अभ्यारण्य व काजीरंगा उद्यान तथा पश्चिम बंगाल का जाल्दा पारा अभ्यारण्य है।
भारत में जैवमंडल रिजर्व :-
यह आनुवंशिक विविधता बनाए रखने वाले ऐसे बहुउद्देशीय संरक्षित क्षेत्र हैं, जहां पौधों, जीव-जंतुओं व सूक्ष्म जीवों को उनके प्राकृति परिवेश में संरक्षित करने का प्रयास किया जाता है।
कोर क्षेत्र:–
यह बायोस्फीयर रिज़र्व का सबसे संरक्षित क्षेत्र है। इसमें स्थानिक पौधे और जानवर भी हो सकते हैं। इस क्षेत्र में अनुसंधान प्रक्रियाएँ, जो प्राकृतिक क्रियाओं एवं वन्यजीवों को प्रभावित न करें, की जा सकती हैं। एक कोर क्षेत्र एक ऐसा संरक्षित क्षेत्र होता है, जिसमें ज्यादातर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित/विनियमित राष्ट्रीय उद्यान या अभयारण्य शामिल होते हैं। इस क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को छोड़करअन्य सभी का प्रव्रेश वर्जित है।
बफर क्षेत्र :-
बफर क्षेत्र, कोर क्षेत्र के चारों ओर का क्षेत्र है। इस क्षेत्र का प्रयोग ऐसे कार्यों के लिये किया जाता है जो पूर्णतया नियंत्रित व गैर-विध्वंशक हों। इसमें सीमित पर्यटन, मछली पकड़ना, चराई आदि शामिल हैं। इस क्षेत्र में मानव का प्रवेश कोर क्षेत्र की तुलना में अधिक एवं संक्रमण क्षेत्र की तुलना में कम होता है। अनुसंधान और शैक्षिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाता है।
संक्रमण क्षेत्र :-
यह बायोस्फीयर रिज़र्व का सबसे बाहरी हिस्सा होता है। यह सहयोग का क्षेत्र है जहाँ मानव उद्यम और संरक्षण सद्भाव से किये जाते हैं। इसमें बस्तियाँ, फसलें, प्रबंधित जंगल और मनोरंजन के लिये क्षेत्र तथा अन्य आर्थिक उपयोग क्षेत्र सम्मिलित हैं।
भारत में वर्तमान में 18 जैवमंडल रिजर्व हैं-
- कोल्ड डेज़र्ट, हिमाचल प्रदेश
- नंदा देवी, उत्तराखंड
- खंगचेंदजोंगा, सिक्किम
- देहांग-देबांग, अरुणाचल प्रदेश
- मानस, असम
- डिब्रू-सैखोवा, असम
- नोकरेक, मेघालय
- पन्ना, मध्य प्रदेश
- पचमढ़ी, मध्य प्रदेश
- अचनकमार-अमरकंटक, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़
- कच्छ, गुजरात (सबसे बड़ा क्षेत्र)
- सिमिलिपाल, ओडिशा
- सुंदरवन , पश्चिम बंगाल
- शेषचलम, आंध्र प्रदेश
- अगस्त्यमाला, कर्नाटक-तमिलनाडु-केरल
- नीलगिरि, तमिलनाडु-केरल (पहले शामिल होने के लिए)
- मन्नार की खाड़ी, तमिलनाडु
- ग्रेट निकोबार, अंडमान और निकोबार द्वीप
वर्ष 1971 में शुरू किया गया यूनेस्को का मैन एंड बायोस्फीयर रिज़र्व प्रोग्राम एक अंतर-सरकारी वैज्ञानिक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य लोगों और उनके वातावरण के बीच संबंधों में सुधार के लिये वैज्ञानिक आधार स्थापित करना है। यह आर्थिक विकास के लिये नवाचारी दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है जो सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से उचित तथा पर्यावरणीय रूप से धारणीय है।
भारत में कुल 12 बायोस्फीयर रिज़र्व हैं जिन्हें मैन एंड बायोस्फीयर रिज़र्व प्रोग्राम के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है –
- नीलगिरि (2000 शामिल किया गया)
- मन्नार की खाड़ी
- सुंदरबन
- नंदा देवी
- नोकरेक
- पचमढ़ी
- सिमलीपाल
- अचनकमार – अमरकंटक
- महान निकोबार
- अगस्त्यमाला
- खंगचेंदज़ोंगा
- पन्ना, मध्य प्रदेश (2020 में शामिल किया गया )
भारत के राष्ट्रिय उद्यान :-
- भारत का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान जिम कार्बेट नैनीताल (उत्तराखंड) है इसका पुराना नाम हेली नेशनल पार्क था जिसकी स्थापना 1935 की गयी थी ।
- देश में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश में है ।
- भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान जम्मू कश्मीर के लेह जनपद में है इसका नाम हिमिस है ।
- जिम कार्बेट पार्क से रामगंगा नदी बहती है ।
- भारत का सबसे बड़ा बाघ अभ्यारण्यनागार्जुन सागर (आंध्र प्रदेश ) है ।
- भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी सलीम अली को बैडमैन आँफ इंडिया कहा जाता है सलीम अली राष्ट्रीय पक्षी उद्यान जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में है ।
- डाचीगाम सैंक्चुरी एकमात्र सैंक्चुरी है जहां कश्मीरी महामृग पाया जाता है
- भारत प्राणी-विज्ञान सर्वेक्षण की स्थापना 1916 ई., की गई थी और इसका मुख्यालय कोलकाता में है ।
- भारत वानस्पतिक सर्वेक्षण विभाग की स्थापना 1970 ई की गई थी और इसका कोलकाता में कहाँ है ।
- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में सबसे ज्यादा वन्य जीव अभ्यारण्य हैं ।
राष्ट्रिय उद्यान :-
- मध्य प्रदेश में स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है।
- उत्तराखण्ड के नंदा देवी के शिखर पर स्थित नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान पार्क 1982 में राष्ट्रीय उद्यान बना। इस क्षेत्र के अंतर्गत फूलों की घाटी है, जहाँ किस्म-किस्म के फूलों की छटा बिखरी हुई है।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान(उत्तर प्रदेश) नेपाल से अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाता है। इसे 1977 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
- यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल मानस अभयारण्य (असम ) राष्ट्रीय उद्यान देश का चर्चित टाइगर और एलीएंट रिजर्व भी है। इसका नाम मानस उद्यान के पश्चिम से बहने वाली मानस नदी के नाम से पड़ा है । एक सींग का गैंडा अतिरिक्त यहाँ कई अन्य दुर्लभ जीव-जंतु भी पाए जाते हैं।
- पेरियार अभ्यारण्य जंगली हाथियों के लिए प्रसिद्ध हैं ।
- एक सींग वाला गेंडा असम व पश्चिम बंगाल पाया जाता है ।
- भारतीय गेंडे काजीरंगा अभ्यारण्य में सबसे ज्यादा पाये जाते हैं ।
- विश्व वन्य जीव कोष का प्रतीक पांडा है ।
भारत में स्थित राज्यवार राष्ट्रिय उद्यान :–
राजस्थान :-
- केवला देव National Park ( साइबेरियन क्रेन नामक प्रवासी पक्षी का आश्रय स्थल )
- रणथ्मभोर National Park
- सरिस्का National Park
- मरुस्थलीय National Park
- मुकिंद्रा हिल्स National Park
- घना पक्षी National Park
- माउंट आबू Wildlife Sanctuary
मध्य प्रदेश :-
- कान्हा National Parks
- पेंच National Park
- पन्ना National Parks ( यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल )
- सतपुड़ा National Park
- वन विहार National Parks
- बांधवगढ National Park ( सफेद बाघों के लिए प्रसिद्ध है )
- संजय National Park
- माधव National Park
- पालपुर कुनो National Park
- मण्डला फौसिल National Parks
- डायनासोर जीवाश्म नेशनल पार्क
सबसे ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश में हैं ।
अरुणाचल प्रदेश :-
- नामदफा National Park
हरियाणा :-
- सुलतानपुर National Park
- कलेशर National Park
उत्तर प्रदेश :-
दूधवा National Parks
झारखंड :-
- बेतला National Parks
- धीमा National Park
मणिपुर :-
- केबुल – लामजाओ National Park ( विश्व का एक्मात्र तैरता राष्ट्रीय पार्क )
- सिरोही National Park
सिक्किम :-
कंचनजंगा National Parks
त्रिपुरा :-
- क्लाउडेड लेपर्ड National Parks
तमिलनाडु :-
- गल्फ आफ मनार National Parks
- इन्दिरा गांधी ( अन्नामलाई ) National Park
- मुदुमलाई National Park
- प्लानी हिल्स National Park
- मुकुर्थी National Park
- गुंडी National Parks
ओडिसा :-
- भीतरकनिका National Park
- सिंमली पाल National Park
- चिल्का झील National Park
मिजोरम :-
- मुरलेन National Park
- फ़वंगपुई National Park
जम्मू-कश्मीर :-
- दाचीग्राम National Parks ( एक्मात्र National Park जहां कश्मीरी महामृग – हंगुल पाए जाते हैं )
- सलीम अली National Parks
- किस्तवार National Parks
लद्दाख :-
हैमिश हाई National Parks ( भारत का सबसे बडा National Park )
पश्चिम बंगाल :-
- सुन्दरवन National Parks
- बुक्सा National Parks
- जलदापारा National Parks
- गोरूमारा National Parks
- सिंगलीला National Parks
- नेओरा वैली National Parks
असम :-
- मानस National Park ( एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध )
- काजीरंगा National Park ( एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध )
- नामेरी National Park
- राजीव गांधी ओरांग National Park
- डिब्रूगढ़ साइखोवा National Park
आंध्र प्रदेश :-
- राजीवगांधी ( रामेश्वरम ) National Park
- पापीकोंडा National Park
- श्री वेंकटेश्वरम National Park
- नागार्जुन सागर – श्रीशैलम National Park ( यह भारत का सबसे बडा Project Tiger है )
तेलंगाना :-
- कासुब्रह्मानंदा रेड्डी National Park
- मुग्रावनी National Park
महाराष्ट्र :-
- बोरीवली ( संजय गांधी ) National Park
- चांदोली National Park
- तदोबा National Park
- गुगामल National Park
- नवागांव National Park
- मेलघाट राष्ट्रिय अभ्यारण्य
अण्डमान-निकोबार :-
- सैडिल पीक National Park
- महात्मा गाँधी मैरीन ( वंदूर ) National Park
- कैंपबैल National Park
- माऊंट हैरियट National Park
- रानी झांसी मैरीन National Park
- साउथ बटन National Park ( भारत का सबसे छोटा National Park )
Note – अण्डमान-निकोबार में सबसे ज्यादा वन्य जीव अभ्यारण हैं !
हिमाचल प्रदेश :-
- पिन वैली National Park
- ग्रेट हिमालय National Park
- रोहल्ला National Park
- खिरगंगा National Park
- इन्द्रकिला National Park
गुजरात :-
- गिर National Parks
- मैरीन ( कच्छ की खाडी ) National Parks
- ब्लेकबक National Parks
- वंसदा National Parks
उत्तराखण्ड :-
- जिम कार्बेट National Park ( 1936 में बना भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क , इसका पूर्व नाम हैली National Park था , वर्तमान नाम रामगंगा नेशनल पार्क )
- फ़ूलों की घाटी National Park
- नन्दा देवी National Park
- राजाजी National Park
- गंगोत्री National Park
छत्तीसगढ :-
- कांगेर घाटी ( कांगेर वैली ) National Park
- इन्द्रावती National Park
- गुरू घासीदास ( संजय ) National Park
केरल :-
- साइलेंट वैली National Park
- पेरियार National Park ( जंगली हाथियों के लिए प्रसिद्ध )
- अन्नामुदाई National Park
- एर्नाकुलम National Park
कर्नाटक :-
- बांदीपुर National Park
- नागरहोल ( राजीव गांधी ) National Park
- अंसी National Park
- बन्नेर्घट्टा National Park
- कुद्रेमुख National Park
- तुंगभद्रा National Park
पंजाब :-
- हरिकै झील वैटलैण्ड National Park
गोआ
- भगवान महावीर ( मोल्लेम ) National Park
Note –
सलीम अली पक्षी अभ्यारण गोआ में है जबकि सलीम अली National Parks जमूकश्मीर में स्थित है !
भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी सलीम अली को बर्डमैन आँफ इंडिया कहा जाता है !
बिहार :-
वाल्मिकी National Park
मेघालय :-
नोक्रेक National Park
पर्यावरण एवं जैव विविधता संबंधित विभिन्न अधिनियम :-
(1) खनन एवं खनन विकास विनियमन अधिनियम 1957
(2) जानवर क्रूरता अधिनियम 1960
(3) वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972
(4) जल प्रदूषण निवारक एवं नियंत्रण अधिनियम 1974
(5) वन संरक्षण अधिनियम 1980
(6) वायुमंडल ( रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ) अधिनियम 1981
(7) पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986
(8) राष्ट्रीय वन नीति 1988
(9) जैव विविधता अधिनियम 2002
(10) अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी अधिनियम 2006 !
(11) राष्ट्रीय वन प्रारूप नीति 2018
(12) राष्ट्रीय वन मसौदा नीति 2018
वन्यजीव से संबंधित परियोजनाएं –
(1) कस्तूरी मृग परियोजना 1970
(2) प्रोजेक्ट हंगुल 1970
(3) गिर सिंह परियोजना 1972
(4) बाघ परियोजना 1973
(5) कछुआ संरक्षण योजना 1975
(6) तराई आर्क प्रोजेक्ट 1975
(7) घड़ियाल प्रजनन परियोजना 1975
(8) मणिपुर थामिल परियोजना 1977
(9) गेंडा परियोजना 1987
(10) हाथी परियोजना 1992
(11) हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी कार्यक्रम 2003
(12) गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट 2006
पर्यावरण से संबंधित प्रमुख सम्मेलन :-
स्टॉकहोम सम्मेलन – 1972.
हेलसिंकी सम्मेलन – 1974.
लंदन सम्मेलन – 1975.
वियना सम्मेलन – 1985.
मोंट्रियल प्रोटोकॉल – 1987.
टोरंटो सम्मेलन – 1988.
पृथ्वी सम्मेलन (रियो सम्मेलन) – 1992.
पेरिस जलवायु समझौता – 2006
टोरंटो सम्मेलन 1988 – यह सम्मेलन 27 से 30 जून 1988 को कनाडा के टोरंटो में हुआ था! जिसका उद्देश्य कार्बन डाइऑक्साइड को नियंत्रित करना था! इस सम्मेलन में 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया था