रोबोटिक्स robotics

रोबोटिक्स

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    रोबोटिक्स

    रोबोट एक प्रकार की मशीन है जो एक या एक से अधिक कार्यों को तेज गति से और सटीक तरह से स्वचालित रूप से कर सकती है रोबोटिक्स robotics

    • Robotic शब्द Robot से आया जिसे चेक लेखक कारेल कापेक ने अपने नाटक R.U.R. ( Rossum’s Universal Robots ) में परिचय करवाया था ।
    • Robot शब्द Robota , जो एक चेक शब्द है से आया है जिसका अर्थ होता है बंधुआ मजदुर या गुलाम रोबोटिक्स robotics

    रोबोटिक्स विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की एक शाखा है , रोबोट निर्माण तीन पीढ़ियों से होकर गुजरा है।

    1. प्रथम पीढ़ी केवल औद्योगिक कार्य कराए गए।
    2. दूसरी पीढ़ी कैमरे और सेंसर के प्रयोग से अन्वेषण के कार्यों में इसका इस्तेमाल किया गया।
    3. तीसरी पीढ़ी वर्तमान में इस में मानसिक विश्लेषण कराने का कार्य चल रहा है।
    • प्रथम औद्योगिक रोबोट यूनिमेट है जिसकी खोज अमेरिकी शोधकर्ता जॉर्ज देवाल और जोसेफ एंजलबर्गर की बड़ी भूमिका थी। फादर ऑफ मॉडर्न रोबोटिक्स ( रोबोटिक्स के जनक ) जोसेफ एंजलबर्गर है
    • रोबोटिक्स के पितामह ( ग्रैंडफादर ) जॉर्ज देवाल है रोबोटिक्स robotics

    रोबोट के प्रमुख घटक :-

    सेंसर , इफेक्टर , एक्चुएटर या मोटर , मैनिपुलेटर, कंट्रोल सिस्टम , पावर सोर्स, पर्यावरण संपर्क और नेविगेशन , कृत्रिम बुद्धिमता

    सेंसर :-

    इसकी मदद से आप-पास के वातावरण के बारे में सूचना संग्रह करते हैं । उदाहरण :- कैमरा ,थर्मामीटर , बैरोमीटर , लाइट डिटेक्टर एंड रेंजिंग , वातावरण की 3D तस्वीर के लिए यूज़ होता है

    एक्चुएटर या मोटर :-

    इसे रोबोट की मांसपेशियां कहा जाता है यह मूवमेंट के लिए लगाए जाते हैं रोबोटिक्स robotics

    मैनिपुलेटर :-

    रोबोट के जोड़ों और अक्षों के संयोजन से मैनिपुलेटर की रचना होती है, यह रोबोट का चलायमान हिस्सा है इससे जोड़ आपस में गतिमान करते हैं यह रोबोट को किसी वस्तु को उठाने उसे मॉडिफाई करने तथा नष्ट करने में सहायता करता है

    कंट्रोल सिस्टम :-

    यह रोबोट के मस्तिष्क का प्रतिरूप होता है इससे ही रोबोट का व्यवहार निर्देशित होता है इसमें डिजिटल कंप्यूटर का यूज होता है

    पावर सोर्स :-

    पावर सोर्स के लिए वर्तमान में लेड बैटरी का प्रयोग किया जाता है भविष्य में सौर ऊर्जा एवं नाभिकीय उर्जा के प्रयोग की संभावनाएं हैं रोबोटिक्स robotics

    पर्यावरण संपर्क और नेविगेशन :-

    इसका उपयोग चालक रहित कार के लिए किया जा रहा है

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता :-

    रोबोट के पास स्वयं का दिमाग नहीं होता है।  रोबोट बनाते समय उसमें इस तरह की प्रोग्रामिंग की जाती है कि किसी भी कंडीसन में यह प्रोग्रामिंग के अनुसार निर्णय ले सके एवं कार्य कर सके यहाँ रोबोट का कृत्रिम दिमाग होता है जिसे हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहते हैं ।  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से एक रोबोट सभी चीजें सीखता है इसके अतिरिक्त इसमें डीप लर्निंग की प्रोसेस भी शामिल होती है, डीप लर्निंग की प्रोसेस में रोबोट धीरे धीरे अपने अनुभव के आधार पर सीखता है । रोबोटिक्स robotics

    रोबोट के प्रकार :-

    • उपयोगिता के आधार पर रोबोट के प्रकार
    • औद्योगिक रोबोट:-  इनका उपयोग औद्योगिक विनिर्माण क्षेत्र में वेल्डिंग और पेंटिंग जैसे कार्यों में होता है
    • घरेलू रोबोट :-  इनका उपयोग घरेलू कार्यों के लिए किया जाता है रोबोटिक वेक्यूम क्लीनर, रोबोटिक पूल क्लीनर और स्वीपर्स जैसे उपकरण लगे होते हैं
    • मेडिकल रोबोट :-  चिकित्सा कार्यों और चिकित्सा संस्थानों में उपयोगी
    • Ex-सर्जरी रोबोट
    • सैन्य रोबोट :- यह सैन्य उद्देश्यों में उपयोगी है, उदाहरण – बम निरोधक रोबोट , परिवहन रोबोट , टोही विमान ड्रोन
    • मनोरंजन रोबोट :-  खिलौना रोबोट रनिंग अलार्म रोबोट
    • अंतरिक्ष रोबोट :-  अंतरिक्ष कार्यों में उपयोगी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशनों में उपयोग किया जाता है, उदाहरण – चंद्रयान 2 मिशन में लगा रोवर
    • सहायक रोबोट :-  अस्पतालों और घरों में रोगी बूढ़े व्यक्ति के कार्यों में सहयोगी रोबोटिक्स robotics

    गतिशीलता के आधार पर रोबोट के प्रकार :-

    1. स्थिर रोबोट :- यह स्थिर रहकर कार्य करते हैं इसमें पहियों की आवश्यकता नहीं होती है।  उदाहरण वेल्डिंग रोबोट
    2. सचल या गतिमान रोबोट :-  इसमें सेंसर और पहिए लगे होते हैं यह औद्योगिक उद्देश हेतु बेहद उपयोगी होते हैं इसमें नियंत्रित करने के लिए भारी-भरकम आधारभूत ढांचे की आवश्यकता नहीं होती है ।उदाहरण स्पाइन रोबोट

    तकनीक के आधार पर रोबोट के प्रकार :-

    1. ह्यूमनॉइड रोबोट :-  HUMANOID ROBOT की बनावट मानव शरीर जैसे होती है इसमें सिर धड़ हाथ और पांव होते हैं। उदाहरण -सोफिया एवं अटलस
    • नैनो रोबोट :-  नैनो रोबोट को NANOBOT के नाम से भी जाना जाता है इसमें प्रयुक्त उपकरण नैनोमीटर ( 10-9 m ) के सूक्ष्म पैमाने पर निर्मित किया जाता जा सकता है।
    • दूर संचालित रोबोट :-  यह सुदूर स्थानों में मनुष्य द्वारा नियंत्रित किया जाता है इन रोबोट्स ने मेक्सिको की खाड़ी में हुए तेल रिसाव का पता करने में मदद की है तथा इनकी मदद से डॉक्टर दूर बैठे किसी मरीज का इलाज भी कर सकते हैं। उदाहरण – ड्रोन , मानव नियंत्रित पनडुब्बियों रोबोटिक्स robotics
    • प्री-प्रोग्राम्ड रोबोट :-  प्री प्रोग्राम्ड रोबोट एक ही प्रकार के कार्य को बार-बार संपन्न करता है
    • स्वायत्त या स्वतंत्र रोबोट :-  AUTONOMOUS ROBOT के लिये मानवीय संसाधन की आवश्यकता नहीं होती है इसे स्वचालित रोबोट भी कहते हैं इसमें सेंसर लगे होते हैं जिनसे यह अपने आसपास के वातावरण से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां जुटा लेते हैं ।  उदाहरण:- रूमबा वैक्यूम क्लीनर स्वायत्त रोबोट का उदाहरण है सेंसर का उपयोग करके पूरे घर में स्वतंत्र क्लीनिंग का काम करता है
    • ऑगमेंटिंग रोबोट :-  यह सीधे तौर पर मनुष्य के अंगो से जुड़े होते हैं तथा मनुष्य के अंगो का बर्ताव ही इनकी काम करने के ढंग को तय करता है यह मनुष्य के किसी ऐसे सरीरिक कौशल को बढ़ा सकते हैं जो दुर्घटना या किसी अन्य कारण से कम हो गया हो ।
    • स्वार्म रोबोट :-  SWARM ROBOT  एक साथ छोटे-छोटे कणों के रूप में बड़ी संख्या में होते हैं तथा एक दूसरे के साथ प्रभावी ढंग से radio-frequency या किसी अन्य यांत्रिक उपकरण का उपयोग कर बातचीत कर सकते हैं ।
    • माइक्रो रोबोट :-  1 mm से कम आकार वाले मोबाइल रोबोट है तथा माइक्रोमीटर के आकार के घटकों को संभालने में सक्षम है

    रोबोट के अनुप्रयोग :-

    उद्योग क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग :-

    रोबोट का सबसे बड़ा फायदा इंसान के लिए यह है कि यह थकता नहीं है और बिना किसी रूकावट के कार्य करता रहता है इसके काम करने की सटीकता इंसानों से कहीं अधिक होती है । ऐसा अनुमान है कि अमेरिका और जापान जैसे देशों में औद्योगिक कार्यों के लिए प्रतिवर्ष 35% रोबोटों का उपयोग बढ़ता जा रहा है।

    एक्सो एस्केलेटन :- यह किसी मानव की मौजूद क्षमता में बढ़ोतरी करने का काम करने वाले रोबोट हैं यह रोबोट भारी से भारी ऑटोमोबाइल कलपुर्जों को आसानी से उठा सकते हैं।

    ब्रावो – TAAL मैन्युफैक्चरिंग सलूशन ने 2017 में पहले भारतीय औद्योगिक रोबोट को लांच किया तथा भारत के सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यमों के लिए स्वदेशी स्तर पर विकसित किया गया है ।

    अंतरिक्ष क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग :-

    अंतरिक्ष में खोज करने के लिए नासा ने कई रोबोट विकसित किए हैं । अंतरिक्ष में सबसे प्रसिद्ध रोबोटों में आर्बिट्स, रोवर्स तथा लैण्डर्स है।

    1. रोबोनॉट :- नासा द्वारा बनाया गया HUMANOID रोबोट है ,यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ काम करने के लिए बनाया गया था रोबोटिक्स robotics
    • रोबोनॉट-1 :- पहला रोबोनॉट था
    • रोबोनॉट-2 :- वर्तमान में कार्य कर रहा है इसे 2011 में अंतरिक्ष में भेजा गया यह अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत में मरम्मत भी कर सकता है
    • FEDOR(Final Experimental Demonstration object Research ) :- यह रूसी Humanoid रोबोट है इसका 2021 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर परिचालन शुरू होगा यह केवल अंतरिक्ष में ही कार्य नहीं बल्कि पृथ्वी पर भी काम कर सकता है यह जीवन के लिए खतरनाक क्षेत्रों में इंसानों की जगह लेगा

    अंतरिक्ष में पहले से भेजे गए रोबोट  :-

    • SAR-400 , SAR-401(रूस निर्मित )
    • ROBONAUT -2 (अमेरिका )
    • AILA (जर्मनी)
    • ज्योतियान (चीन )
    • Valkyri :- नासा द्वारा बनाया जा रहा एक Humanoid रोबोट है जो मंगल में कालोनियों का निर्माण करने का काम करेगा
    • माइटी ईगल( MIGHTY EAGLE ) – नासा द्वारा तैयार एक लैंडर है जिसमें तीन पहिए लगे हैं यह एक हरित यान हैं अर्थात इसमें ईंधन के रूप में 90% हाइड्रोजन पराक्साइड का उपयोग किया जाता है यह ग्रही पिंडों की सतह पर वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों में उपयोग किया जाता है
    • स्पाइडरनॉट (Spidernaut) :- एक मकड़ी रोबोट (Arachnid) है, यह नासा (NASA) द्वारा डिजाइन किया गया है।
    • स्पेस प्रोब (Space Probe) :- रोबोटिक अंतरिक्ष यान जिसे ‘स्पेस प्रोब’ (Space Probe) कहते हैं। रोबोटिक्स robotics

    चिकित्सा के क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग :-

    रोबोटिक्स प्रोस्थेटिक रोबोटिक प्रणाली का प्रयोग करके कटे हुए हाथ या पैर के स्थान पर किया जाता है जो प्राकृतिक अंगों के समान कार्य करते हैं यह पूर्ण स्वचालित अंग होते हैं जो मस्तिष्क से प्राप्त तंत्रिका संकेतों को कार्य में बदल देते हैं

    1. रोबोटिक ऑर्थोटिक्स :- इस रोबोटिक्स प्रणाली का प्रयोग लकवा ग्रस्त अंगों को बल देने के लिए किया जाता है इसे प्रभावित अंग पर लगाया जाता है
    2. रोबोटिक नर्स :-  इसका प्रयोग मरीजों की देखभाल और स्वास्थ संबंधी आंकड़े लेने में किया जाता है।  जैसे Helpmate ( व्हील रोबो नर्स ) FLO ( स्थिर रोबो नर्स )
    3. रोबोटिक सर्जरी का प्रयोग मुख्य रूप से मस्तिष्क के ऑपरेशन में किया जाता है इससे आसपास के अंगों को नुकसान कम होता है और समय कम लगता है
    4. वर्ष 2007 में आयरलैंड में कार्क यूनिवर्सिटी के मेटरनिटी अस्पताल में पहली बार गाइनेकोलॉजिकल सर्जरी में रोबोट का इस्तेमाल किया गया था
    5. नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने दिसंबर 2016 में रोबोटिक आर्म की सहायता से मस्तिष्क के ऐसे हिस्से में पहुंचकर सर्जरी करने में सफलता पाई जहां बीमारी की पहचान के लिए जांच उपकरण नहीं पहुंच पाते हैं
    6. माइक्रो रोबोटिक्स :- माइक्रो रोबोट अत्यंत छोटे होते हैं इन्हें पाचन तंत्र में प्रवेश कराया जा सकता है जहां यह स्वचालित तरीके से कार्य करते हुए अल्सर की बीमारी का इलाज करने में सहायता कर सकते हैं

    सैन्य क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग :-

    ड्रोन रिमोट कंट्रोल विमान है इसका प्रयोग जासूसी करने , बिना आवाज किए मिसाइल हमला करने आदि में किया जाता है

    बोस्टन डायनॉमिक्स रोबोट डॉग का उपयोग विभिन्न प्रकार के भारी , वाहनों युद्ध क्षेत्र प्रयोग किए जाने वाले उपकरण आदि को सघन जंगलों , बर्फ की घाटियों के बीच से होकर ले जाने हेतु किया जाता है रोबोटिक्स robotics

    दक्ष ( DAKSH ) – यह DRDO द्वारा निर्मित रोबोट है जो विद्युतई रिमोट कंट्रोल रोबोट है।  इसका उपयोग विस्फोटक का पता लगाने और उसे सुरक्षित रूप से नष्ट करने के लिए किया जाता है इसे बम डिफ्यूज करने हेतु भी उपयोग किया जाता है रोबोटिक्स robotics

    Andros तथा Mini Andros रोबोट का उपयोग बम रोधी दस्ते के रूप में किया जाता है

    आपदा प्रबंधन क्षेत्र में रोबोट के अनुप्रयोग :-

    रोबोट आपदा के समय मानव सहायता के रूप में कार्य कर सकते हैं इन्हें खतरनाक और विषम परिस्थितियों में भेजा जा सकता है।

    • हैदराबाद स्थित साइंस सोसाइटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे रोबोट का विकास कर लिया है जो भूकंप के मलबे में फंसे जीवित व्यक्तियों का पता लगा सकता है
    • एटलस यह आग में फंसे हुए व्यक्तियों को निकाल सकता है
    • स्नेक रोबोट्स (SNAKE ROBOTS) :– यह सांप जैसे दिखते हैं इनका उपयोग आपदा प्रबंधन ( खोज एवं बचाव ) में उपयोगी है यह छोटी सी जगह में भी बचाओ अभियान में मदद कर सकता है
    • पायनियर( PIONEER ) नाम के रोबोट को चेर्नोबिल परमाणु रिएक्टर के संयंत्र 4 के संरचना विश्लेषण के लिए भेजा गया था
    • वर्ष 2011 में जापान में हुए फुकुशिमा परमाणु हादसे से निपटने में भी रोबोट की ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
    • मलेशिया विमान MH – 370 के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ब्लैक बॉक्स की खोज के लिए Blue fin- 21 नाम के रोबोटिक पनडुब्बी को भेजा गया था। रोबोटिक्स robotics

    डीआरडीओ द्वारा निर्मित रोबोट

    दक्ष :-  ROV विस्फोटक उपकरण पहचान और हैंडलिंग के लिए बहुमुखी उपकरण है। इसका उपयोग परमाणु और रासायनिक संदूषण स्तरों के सर्वेक्षण और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है

    मानव रहित हवाई वाहन’नेत्रा’ :- इस मिनी यूएवी को निगरानी अनुप्रयोगों के लिए विकसित किया गया है। यह बैटरी संचालित है, और विस्तृत निगरानी के लिए ज़ूम के साथ डे कैमरा से लैस है। इसमें रात के संचालन के लिए एक वैकल्पिक थर्मल इमेजर भी है। रोबोटिक्स robotics

    अस्पष्टीकृत आयुध हैंडलिंग रोबोट :- 1 किलोमीटर दूर से 1000 किलोग्राम तक के अन एक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस अर्थात बम और मिसाइल को संभालना और पता लगाना रोबोटिक्स robotics

    अन्य :-

    सोफिया रोबोट :-

    • निर्माता – हैंसन रोबोटिक्स
    • अविष्कारक – डेविड हैंसन
    • देश – हॉन्ग कोंग
    • निर्माण वर्ष 2016 सन रोबोटिक्स
    • यह रोबोट अपने चेहरे के हाव-भाव बदल सकती है तथा लोगों से बातचीत भी कर सकती है
    • इसे 2017 में सऊदी अरब ने अपने देश की नागरिकता प्रदान किया है तथा रोबोट को नागरिकता प्रदान करने वाला विश्व का पहला देश सऊदी अरब बन गया है
    • सोफिया रोबोट को हॉलीवुड अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न की तरह दिखने वाला बनाया गया है
    • भारत में इसे 2017 में टेक फेस्ट मे प्रदर्शित किया गया
    • नवंबर 2017 में सोफिया को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम का पहला गैर मानव नवाचार चैंपियन  नामित किया गया ।

    चतुरोबोट :-

    यह DRDO तथा CAIR द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है इसमें दृश्य सेंसर लगे हैं।  तथा यह रोबोट एक दृश्य क्षेत्र में किसी भी क्रम में रखी वस्तुओं को पहचान करने और उन्हें उठाने में सक्षम है ।

    Mighty Eagle :- Mighty Eagle नासा द्वारा विकसित प्रोटोटाइप रोबोटिक लेंडर

    मोबेल रोबोट :-  यह दो पैरों वाला रोबोट है इसका निर्माण 2009 में मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह 6.8 मील प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है

    Asimo :-

    Asimo होंडा कंपनी द्वारा निर्मित ह्यूमनॉइड रोबोट है इसे वर्तमान में जापान के टोक्यो में मिरिकन संग्रहालय में प्रदर्शित किया

    Robonaut :-  Robonaut नासा द्वारा निर्मित ह्यूमनॉइड रोबोट है ।

    रोबोअर्थ :- यह रोबोट के लिए वर्ल्ड वाइड वेब(WWW) है इसमें कई रोबोट्स को इंटरनेट के उपयोग से एक दूसरे से बातचीत करने में मदद मिलेगी

    Wakamaru :-  Wakamaru  एक जापानी रोबोट है जिसका मुख्य उद्देश्य मानव के साथ नेचुरल कम्युनिकेशन करना है

    Atlas :-  Atlas अमेरिकन रोबोटिक्स कंपनी बोस्टन डायनामिक्स द्वारा निर्मित दो पैरों वाला रोबोट है

    कोलैबोरेटिव रोबोट :-  यह मनुष्य के सहायता के लिए निर्मित रोबोट होते हैं तथा इसमें औद्योगिक रोबोट की तरह मनुष्य को नुकसान पहुंचाने की संभावना खत्म कर दी जाती है

    SPOT ROBOT ( Robo dog )  :-  यह गूगल द्वारा निर्मित चार पैरों वाला रोबोट है जो घरेलू एवं बाहरी कार्य कर सकता है

    Sam Robot :-  यह दुनिया का पहला वर्चुअल पॉलिटिशियन है जो न्यूजीलैंड के मतदाताओं की इच्छा से प्रेरित है

    एम ब्लॉक्स(M-Blocks) :-  यह मॉड्यूलर रोबोट का एक प्रकार है इसे बनाने के लिए Cubes प्रयोग किया जाता है यह cubes गतिशील होते हैं यह औद्योगिक और मरम्मत कार्य के लिए उपयोग किए जाते हैं

    Claytonics :-  यह नैनो रोबोट्स होते हैं यह वस्तु को बनाने के लिए एक साथ जुड़ सकते हैं प्रत्येक बिंदु को मूलभूत इकाई कैटॉम( CATON-Clytronic Atom)कहते हैं इसमें रंग बदलने की भी क्षमता होती।

    भारत में रोबोटिक्स :-

    • CAIR भारत मे रोबोटिस के क्षेत्र में कार्य करने वाली अग्रणी संस्था है यहाँ रोबोटिक और कृत्रिम बुद्धिमता से सम्बंधित मूल अनुसंधान शुरू किये गए है।
    • शुरूआती दौर मे यह संस्था DRDO के साथ कार्य कर रक्षा क्षेत्र के लिए रोबोट का विकास करती थी लेकिन वर्तमान में यह स्वायत्त रूप से विभिन्न क्षेत्रो मे रोबोट के उपयोग सम्बन्धी अनुसंधान कर रही
    • भारत में रोबोटिक्स क्षेत्र में हिंदुस्तान मशीन टूल्स के अनुसंधान और विकास विभाग, केंद्रीय मशीन टूल्स संस्थान (MIT), आईआई टी मद्रास, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू हैदराबाद विज्ञान सोसाइटी कार्य कर रहे हैं
    • भारतीय स्पेस एजेंसी ने भी स्पेस मिशन हेतु HUMANOID रोबोट व्योम मित्र बनाया है ।

    महत्वपूर्ण तथ्य  :-

    • मध्यप्रदेश के उज्जैन में देश की प्रथम रोबोटिक कंट्रोल वेधशाला स्थापित की गई है।
    • ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड’ (BEL) प्रथम भारतीय उद्योग है, जिसने उत्पादन स्तर पर स्वदेशी रोबोट का विकास किया। इसने ‘पिक एंड प्लेस (Pick and Place) प्रकार के रोबोट का विकास किया।
    • रश्मि दुनिया की पहली हिन्दी भाषी और भारत की पहली यथार्थवादी लिप-सिंकिंग ह्यूमेनॉइड रोबोट है, जो प्रोग्रामर रंजीत श्रीवास्तव द्वारा विकसित की गई, यह चार भाषाओं अंग्रेजी, हिन्दी, भोजपुरी, और मराठी में बोल सकती है, इसे 1 अगस्त 2018 को लॉन्च किया गया।
    • PUMA:- यह एक औद्योगिक रोबोट भुजा है, जिसे विक्टर स्हीमैन ने अग्रणी रोबोट कंपनी Unimation में विकसित किया है।
    • भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू ने माइक्रोप्रोसेसर आधारित रोबोट का विकास किया है।
    • कुंभकोणम (तमिलनाडु) के सिटी यूनियन बैंक ने नवम्बर 2016 में भारत का पहला बैंकिंग रोबोट ‘लक्ष्मी’ लॉन्च किया।
    • त्रि-आयामी मुद्रण तकनीक केरल के हृदय रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने बालक की हृदय विकृति को ठीक करने में 3-D प्रिंटिंग तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है। वस्तुतः 3-D प्रिंटर एक औद्योगिक रोबोट है।
    • ड्रोन ‘भीम’ हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के छात्रों ने ‘भीम’ नाम का देश का स्वेदशी सुपर पावर ड्रोन बनाया है।
    • भारत में प्रथम रोबोटिक सर्जरी 2010-11 में AIIMS नई दिल्ली में की गई जहाँ थायमस ग्रन्थि को Myasthesnia Gravis नामक बीमारी से बचने के लिए निकाला गया।
    • भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (Bhabha Atomic Research Centre BARC) मुम्बई- संचार रोबोट के निर्माण एवं अनुसंधान में सहायक है।
    • इसरो ने अपने चंद्रयान-2 मिशन में रोवर ‘प्रज्ञान’ का प्रयोग किया है, जो AI आधारित भारत का इसरो द्वारा विकसित रोबोट है।

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